गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

मप्र को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार सबसे बडी उपलब्धि

मप्र को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार सबसे बडी उपलब्धि
भोपाल 30 दिसंबर 2010। मध्यप्रदेश को केन्द्र सरकार का राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार मिलना, प्रदेश के सात खिलाडियों का चीन एशियाड में खेलना, साउथ एशियन फेडरेशन गेम्स.सैफ.में राज्य के खिलाडियों द्वारा सात पदक जीतना, मध्यप्रदेश महिला हॉकी टीम को राष्ट्रीय चैंपियन बनना और राज्य की क्रिकेट टीम का रणजी ट्राफी के क्वार्टरफाइनल में पहुंचना बीत रहे वर्ष में खेल क्षेत्र की सबसे बडी उपलब्धियां रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सरकारी खजाने से खिलाडी कल्याण कोष में एक करोड तथा खिलाडियों के भत्ते की लगभग 70 लाख रूपये बकाया राशि का चैक इन खिलाडियों को प्रदान करना वर्ष 2010 की खेल की प्रमुख घटना रही। राज्य शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा देश में हॉकी की नर्सरी माने जाने वाले भोपाल शहर में हॉकी खेल के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए ऐशबाग स्टेडियम में नया सिंथेटिक टर्फ व फ्लडलाईट लगाना, लगभग 14 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद ओबेदुल्ला गोल्ड कप अखिल भारतीय हॉकी टूर्नामेंट सहित राष्ट्रीय रंगास्वामी कप पुरूष हॉकी चैंपियनशिप और अखिल भारतीय महिला हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन किया जाना भी इस वर्ष की उल्लेखनीय घटना रही। साथ ही आप्टीमिस्ट वायआयए गोल्डन जुबली सेलिंग चैंपियनशिप का रोमांचक तरीके से बडे तालाब में आयोजित की गई । इसके अलावा प्रदेश के खेल संचालक संजय चौधरी के विशेष प्रयासों से ग्वालियर में राज्य बैडमिंटन अकादमी स्थापित होना और इसका मुख्य कोच पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी पुलेला गोपीचंद को बनाना, ओलंपिक में देश के पदक जीतने वाले पहलवान सुशील कुमार का राज्य कुश्ती अकादमी का सलाहकार नियुक्त होना, राज्य क्रिकेट अकादमी का मुख्य कोच पूर्व टेस्ट क्र्रिकेटर मदनलाल का बनना, राज्य घुडसवारी और राज्य निशानेबाजी अकादमी का पूर्ण रूप से आकार लेना प्रदेश में खेलों के विकास की कडी में प्रमुख बात रही। प्रदेश में अब 15 खेलों की 16 राज्य अकादमी हो गई है।
प्रदेश के खेल विभाग ने केन्द्र सरकार की पंचायत युवा क्रीडा और खेल अभियान .पायका. के तहत इस वर्ष प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रो में खेलों के विकास की दिशा में नई क्राति लाने का प्रयास किया है । विभाग ने इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए खेल अधिकारी जलज चतुर्वेदी को इसका नोडल अधिकारी नियुक्त कर ग्रामीण क्षेत्रों में सतत खेल गतिविधियों का विस्तार किया गया है। केन्द्र सरकार की खेल मंत्रालय की सचिव श्रीमती सिंधुश्री खुल्लर द्वारा मध्यप्रदेश पायका रिसोर्स सेंटर को देश का मॉडल सेंटर घोषित करना अहम बात रही। देश में महिला खेलों को इस वर्ष से पायका में शामिल करने से मध्यप्रदेश का बडा लाभ मिला। क्योंकि मध्यप्रदेश ने महिला खेलों में इस बार दो स्वर्ण सहित कुल आठ पदक जीते है। जबकि गत वर्ष केवल एक रजक पदक ही मिला था। वही राष्टमंडल खेलों की क्वींस बेटन का मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा बहिष्कार करना और लंबे समय तक साई के सेंटर भोपाल में राष्ट्रमंडल और विदेश दौरों की तैयारियों के लिए अभ्यासरत भारतीय पुरूष हॉकी टीम का प्रशिक्षण शिविर विदेशी कोच ज्योस ब्रासा की नियुक्ति के बाद अचानक बदलकर पूणे ले जाना चर्चा का विषय रहा। जबकि साई प्रशासन ने राष्ट्रीय हॉकी खिलाडियों के ठहरने के लिए लाखों रूपये खर्च कर आधुनिक सुख सुविधायुक्त होटलनुमा होस्टल का निर्माण कराकर अन्य सुविधाएं प्रदान की गई थी।इस शिविर के पूणे चले जाने से सेंटर के डायरेक्टर आर के नायडू व्यक्तिगत रूप से बडे आहत हुए थे। राज्य शासन द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न खेलों की राज्य अकादमियों के सात खिलाडियों अमरदीप बसेडिया.तलवारबाजी, बिंदु देवी, तलवारबाजी, मोनालिसा.रोइंग, विकास शर्मा, कराते, लतिका भंडारी, ताईक्वांडों, जसवंत सिंह, ताईक्वांडों और राज्य महिला अकादमी की पूर्व खिलाडी रोचलिन रलते, महिला हॉकी. का चयन चीन में संपन्न एशियन गेम्स में भाग लेने वाले भारतीय दल में होना बडी उपलब्धि रही। तलवारबाजी के खिलाडी अमरदीप बसेडिया ने कामनवेल्थ तलवारबाजी चैंपियनशिप, आस्ट्रेलिया में रजत पदक जीता।वही दूसरी ओर साई सेंटर में अभ्यासरत महिला मुक्केबाज एम सी मेरिकाम का पांचवी बार विश्व विजेता बनना और उसे भारत रत्न अवार्ड से नवाजा जाना भी महत्वपूर्ण उपलब्धियों में शामिल है।
खेल विभाग भोपाल में कार्यरत खेल अधिकारी और बॉस्केटबाल कोच विकास खराडकर ने जर्मनी की प्रतिष्ठित लेपजिक यूनिवर्सिटी में फिटनेस का विशेष प्रशिक्षण का कोर्स कर मध्यप्रदेश का ऐसा पहला कोच होने का गौरव प्राप्त किया है। मध्यप्रदेश टेबल-टेनिस संगठन के लिए भी वर्ष 2010 सौगात भरा रहा, क्योंकि टेबल-टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दिसंबर माह में देश के सब जूनियर और जूनियर टेबल-टेनिस खिलाडियों की राष्ट्रीय अकादमी में इंदौर में खोलने का निर्णय लेना है। मध्यप्रदेश क्रिकेट टीम का काफी अंतराल के बाद रणजी ट्राफी के एलिट ग्रुप में स्थान बनाना और रणजी ट्राफी के प्लेट ग्रुप के लीग मैचों में शिखर पर रहकर र्क्वाटरफाइनल तक का सफर तय करना महत्वपूर्ण उपलब्धियों में शामिल है। मध्यप्रदेश के सितारा क्रिकेटर नमन ओझा के राजस्थान रायल्स और मोहनिश मिश्रा के डिक्कन चार्जर्स का प्रतिनिधित्व कर इंडियन प्रीमियर लीग .आईपीएल. में खेलना गौरव की बात रही। वही दूसरी ओर प्रदेश के खेल क्षेत्र में कुछ ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं भी घटित हुई जिससे खेल क्षेत्र बदनाम होने के साथ कलंकित भी हुआ है। इसमें मध्यप्रदेश क्रि केट एसोसिएशन के द्विवार्षिक चुनाव के इतिहास में पहली बार किसी राजनेता.प्रदेश के उद्योग मंत्री एवं इंदौर संभागीय क्रिकेट संगठन के अध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय. द्वारा एसोसिएशन में सर्वानुमति की परंपरा को धत्ता दिखाते हुए प्रत्यक्ष चुनाव कराना शामिल है।
मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव को राजनैतिक अखाडा बनाने वाली इस घटना से पहली बार एसोसिएशन में लगभग तीन दशक से अपना दबदबा कायम रखने वाले अध्यक्ष एवं केन्द्रीय उद्योग वाणिज्य राज्य मंत्री तथा सिंधिया घराने के श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सदस्यों के घर घर जाने पर मजबूर होना पडा। हालांकि चुनाव में श्री सिंधिया और उनके पैनल ने एक तरफा जीत हासिल कर अपने प्रभाव को एक फिर साबित कर दिया है। राजधानी भोपाल स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण.साई. के सेन्ट्रल जोन सेंटर में अभ्यासरत भारतीय महिला हॉकी टीम की एक खिलाडी द्वारा प्रमुख कोच एम के कौशिक पर देह शोषण का आरोप लगाना और अपने भत्तों के लिए काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शित करना खेल क्षेत्र में एक धब्बा लगाने वाली घटना रही।वही भोपाल के खेल प्रेमी प्रशासक एवं मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ शफकत मोहम्मद खान का असामायिक निधन प्रदेश के खेल क्षेत्र के लिए बडी क्षति रही। इसके साथ ही खेल एवं युवा कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी पर विभाग की ही एक संविदा नियुक्ति वाली ग्वालियर में कार्यरत महिला अधिकारी द्वारा अश्लील आरोप लगाना तथा स्वयं ही इस जाल में फंसना ् मध्यप्रदेश ताईक्वांडों टीम की एक जूनियर बालिका खिलाडी द्वारा अपने कोच पर बलात्कार करने की रिपोर्ट राजधानी भोपाल में पुलिस में दर्ज कराना खेल क्षेत्र को कलंकित करने वाली घटनाएं रही है।


Date: 30-12-2010 Time: 16:56:27





Share |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें