फसल की बर्बादी से परेशान किसान ने आत्महत्या की
दमोह , 29 दिसम्बर 2010। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया के गृह जिले दमोह में फसल बर्बाद होने से परेशान एक किसान ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली है। प्रशासन फसल की बर्बादी को आत्महत्या की वजह मानने से इंकार कर रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार हटा विकास खण्ड के कुलवा गांव के युवा किसान नंदराम रैकवार ने मंगलवार की शाम को खेत में अपने ऊपर मिट्टी का तेल डाल आग लगाकर जान दे दी थी।
नंदराम के परिजनों व गांव वालों का आरोप है कि पहले अरहर की फसल को नुकसान हुआ और अब चने की फसल को इल्ली नुकसान पहुंचा रही है। इस बात से नंदराम परेशान था, इतना ही नहीं उस पर कर्ज भी था। इसी से परेशान होकर उसने जान दी है।
वहीं हटा क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) एम. के. श्रीवास्तव ने बुधवार को को बताया है कि नंदराम बटिया (दूसरे की जमीन) पर 25 एकड़ जमीन पर खेती कर रहा था। मौके पर जाकर देखा गया तो पता चला कि उसकी अरहर व चना की फसल अच्छी है। किसी तरह का नुकसान भी नहीं है, उसने फसल चौपट होने और कर्ज के चलते आत्महत्या नहीं की है। आत्महत्या की वजह कुछ और है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों इसी जिले के तेंदूखेड़ा थाने के हरई गांव के किसान नंदकिशोर यादव ने कर्ज से परेशान होकर कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली थी। इस तरह एक पखवाड़े में कृषि मंत्री के गृह जिले में किसान द्वारा आत्महत्या करने की यह दूसरी घटना है।
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