बुधवार, 29 दिसंबर 2010

सभी शासकीय कार्यालय भवनों में अनिवार्य ऊर्जा ऑडिट और ऊर्जा संरक्षण उपाय किये जायेंगे

सभी शासकीय कार्यालय भवनों में अनिवार्य ऊर्जा ऑडिट और ऊर्जा संरक्षण उपाय किये जायेंगे

भोपाल 29 दिसंबर 2010। बिजली की खपत में कमी करने और इसकी फिजूलखर्ची रोकने के उपायों के तहत प्रदेश के सभी शासकीय, अर्धशासकीय, निगम तथा मंडल कार्यालयों में अनिवार्य ऊर्जा ऑडिट और ऊर्जा संरक्षण उपाय किये जायेंगे। इस आशय के निर्देश नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों, निगम-मंडल अध्यक्षों, प्रबंध संचालकों, संभागायुक्तों तथा जिला कलेक्टरों को जारी किये हैं। सभी कार्यालय अपने भवनों में अनिवार्य ऊर्जा ऑडिट पूर्ण करा कर ऊर्जा संरक्षण के लिए बनाई जाने वाली कार्ययोजना का क्रियान्वयन करें। प्रदेश के उन सभी कार्यालयों तथा अन्य प्रतिष्ठानों में ऊर्जा ऑडिट कराया जाना अनिवार्य है, जिनका वित्त वर्ष 2009-10 में वार्षिक ऊर्जा देयक पाँच लाख रूपए से अधिक है।
निर्देश में इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया गया है कि विद्युत दरों में वृद्धि के चलते निकट भविष्य में इन कार्यालयों के बिजली देयकों में दस फीसदी से ज्यादा वृद्धि होने की संभावना है। प्रत्येक कार्यालय तथा अन्य भवनों के लिए ऊर्जा खपत देयक को न्यूनतम रूप से पूर्व वर्ष के देयक के बराबर रखे जाने का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। इसे पूरा करने के लिए ऊर्जादक्ष लेम्प/फिक्सचर तथा अन्य उपकरणों का उपयोग किया जाना चाहिए।
निर्देशानुसार उपरोक्त सभी कार्यालय ऊर्जा अंकेक्षण कराएंगे। इस कार्य के लिए ऊर्जा अंकेक्षकों का पेनल बनाकर योग्य ऊर्जा अंकेक्षक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ऊर्जा विकास निगम को सौंपी गयी है। श्रेणीवार अंकेक्षण शुल्क भी निर्धारित की गयी है। इसकी प्रक्रिया भी निर्धारित की गयी है। संबंधित अंकेक्षक फर्म को कार्यादेश प्राप्त होने से तीन माह के भीतर एनर्जी ऑडिट पूर्ण करना होगा।
ऊर्जा अंकेक्षण की कार्यवाही और उसका प्रमाणीकरण होने पर कार्यालय प्रमुख रिपोर्ट में सुझाए गये उपायों का क्रियान्वयन अपने स्तर पर करेंगे। अल्प व्यय से किये जाने वाले उपायों को एक माह में और अधिक व्यय की सक्षम स्वीकृति विभागीय प्रक्रिया के अनुसार प्राप्त कर आगामी तीन माह में क्रियान्वित किया जाएगा। निर्देशों का कड़ाई से और समय सीमा में पालन कराने का दायित्व कार्यालय प्रमुख का होगा। इन निर्देशों के परिपालन के लिए नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग को नोडल एजेन्सी घोषित किया गया

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