सोमवार, 27 दिसंबर 2010

कश्मीर में पत्थरबाजों को हर हफ्ते मिलते थे 400 रुपये


सोपोर।। कश्मीर में इस साल गर्मियों में पैदा हुई अशांति के सिलसिले में पुलिस ने सरकारी कर्मचारियों, हुर्रियत नेताओं और आतंकवादियों की मिलीभगत का खुलासा किया है। गिरफ्तार किए गए एक इमाम ने पुलिस को बताया है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का कट्टरपंथी गुट सोपोर में होने वाले प्रदर्शनों में पत्थरबाजी के लिए हर युवक को शुक्रवार को 400 रुपये देता था।

डीआईजी नॉर्थ कश्मीर मुनीर खान के मुताबिक, जनसुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिए गए अब्दुल लतीफ लोन ने बताया कि कानून-व्यवस्था संबंधी दिक्कतें पैदा करने के लिए सैयद अली शाह गिलानी ने पत्थरबाजी प्रायोजित की थी। पूछताछ के दौरान कुपवाड़ा जिले के रहने वाले लोन ने बताया कि शुक्रवार को होने वाले प्रदर्शनों में पत्थरबाजी के लिए हर युवक को 400 रुपये दिए जाते थे।

डीआईजी ने बताया कि लोन सोपोर के अमरगढ़ स्थित जामा मस्जिद में इमाम है। युवकों को दिया जाने वाला पैसा गिलानी गुट के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा इकट्ठा किया जाता था। ज्यादातर पैसा सोपोर के फल विक्रेताओं से आता था। हुर्रियत के लिए पैसे इकट्ठा करने वालों में कई सरकारी कर्मचारी भी थे। खान ने बताया कि हाल ही में हुई कुछ युवकों की गिरफ्तारी के बाद पत्थरबाजों और आतंकवादी संगठनों के बीच सांठगांठ का पता चला है।

डीआईजी खान ने बताया कि घाटी में हुई हिंसा में लश्कर-ए-तैबा का एक शीर्ष आतंकवादी भी शामिल था। उन्होंने बताया कि इस आतंकवादी का नाम अब्दुल्लाह यूनी है, जो कि उत्तरी कश्मीर में स्वयंभू कमांडर है। यूनी पाकिस्तानी नागरिक है और घाटी में मोस्ट वॉंटेड आतंकवादियों में से एक है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें