50 करोड़ से अधिक का बकाया, 10 बस ऑपरेटरों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध
परिवहन कर चोरी का मामला
उज्जैन. अरुण जैन ९ नवंबर। परिवहन कर की चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो ने करीब 50 करोड़ से अधिक रुपए के कर का बकाया होने का अंदेशा व्यक्त करते हुए 10 व्यक्तियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया है। इस मामले में अब संबंधित परिवहन अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की माँग उठने लगी है।
आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो ने एक शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जाँच की थी। उपलब्ध साक्ष्यों में पाया गया कि फ्री इंडिया बस सर्विस के संचालक जयप्रकाश शर्मा, उनके पुत्र एवं रिश्तेदार के नाम पर संचालित सैकड़ों बसों के कागजातों में हेराफेरी कर आंबेडकरनगर उत्तरप्रदेश, छिंदवाड़ा, देवास, इंदौर, उज्जैन, भोपाल के परिवहन कार्यालयों में वाहन पंजीबद्ध कर करोड़ों रुपए का कर अपवंचन किया गया है। परिवहन विभाग की शिथिलता का लाभ उठाते हुए इंजिन/चेसिस नं. बदलकर बस विक्रय करना दर्शाया गया। फर्जी एनओसी के आधार पर बसों के नए नंबर पंजीयन कराए गए। बसों को दूसरे परमिट पर प्रतिस्थापित कर मप्र में अवैध रूप से संचालित किया और अवैधानिक आर्थिक लाभ प्राप्त किया है। धोखाधड़ी के जरिए कर की चोरी करते हुए शासन को 4 करोड़ 4 लाख 2 हजार 671 रुपए की क्षति की गई है। पैनल्टी और ब्याज सहित लगभग 50 करोड़ रुपए से ऊपर के बकाया होने का अनुमान है।
इनके विरुद्ध प्रकरण- आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो ने भादंवि की धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी के अंतर्गत जयप्रकाश पिता रामबाबू शर्मा सिविल लाइन देवास-राधागंज देवास, रमेशचंद्र शर्मा देवास, राजेंद्रकुमार पिता रामबाबू शर्मा सिविल लाइन देवास, रामबाबू एंड संस देवास, इरशाद शेख पिता युनूस रामनगर देवास, महेंद्र रार्घोते पिता रामदेव राव निवासी लाला लाजपत राय कॉलोनी भोपाल-ऋषिनगर उज्जैन, अजयकुमार पिता जयप्रकाश शर्मा बैराठी कॉलोनी इंदौर, संजय पिता बाबूलाल शर्मा बैराठी कॉलोनी इंदौर, छतरसिंह चतराजी यादव महात्मा गॉंधी मार्ग बागली (देवास), रवीन्द्रकुमार पिता सतीशचंद्र जोशी बैराठी कॉलोनी इंदौर-सिविल लाइन देवास के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किए गए हैं। आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो इंदौर के एसपी महेंद्रसिंह सिकरवार ने इसकी पुष्टि की है।
देवास के सामाजिक कार्यकर्ता सैयद मीर जाकिर अली ने राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के महानिदेशक को पत्र लिखा है। इसमें कर चोरी का एक बड़ा घोटाला सामने आने के बाद संबंधित परिवहन कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध जाँच की माँग की है। इसमें 1985 से लेकर 2007 तक जारी परमिट और दस्तावेज की जाँच करते हुए परिवहन विभाग के दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का उल्लेख किया गया है। श्री अली ने बताया कि उज्जैन, देवास, इंदौर और भोपाल में 1985 से 2007 तक पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों के कार्यकाल की जाँच की जाए तो और बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है।
Date: 09-11-2010 Time: 16:12:32
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