शनिवार, 14 अगस्त 2010

पुलिस बस ने 7 को रौंदा,6 घायल गंभीर


भोपाल. राजधानी के व्यस्ततम रॉयल मार्केट क्षेत्र में शनिवार को अचानक ही अनियंत्रित हो गई एक पुलिस बस ने डेढ़ दर्जन लोगों को रौंद दिया। करीब 40 सेकंड में बस ने 7 लोगों की जान ले ली। 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

मृतकों में गांधी मेडिकल कॉलेज के दो छात्रों समेत एक बच्ची शामिल है। हादसे की वजह बस का ब्रेक फेल होना बताया जा रहा है हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही सही कारणों का पता लग सकेगा। घटना से आक्रोशित भीड़ ने पथराव किया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठियां चलाना पड़ीं। मुख्यमंत्री ने आईजी भोपाल को मामले की जांच करने की निर्देश दिए हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक,बस हमीदिया अस्पताल से कैदियों का मेडिकल चेकअप कराकर लौट रही थी। ढलान से उतरते समय बस ड्राइवर के नियंत्रण से बाहर हो गई। तेज रफ्तार बस ने सबसे पहले मेडिकल
कॉलेज के दो छात्रों को कुचला।

फिर सड़क से गुजर रहे दूसरे वाहनों को चपेट में ले लिया। इसमें स्कूटर,एक्टिवा,बाइक,ऑटो रिक्शा शामिल थे। बेकाबू बस इन सभी को रौंदते हुए सामने खड़ी मिनी बस से टकराकर रुकी। ड्राइवर तुरंत फरार हो गया, जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।


प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद जहीर ने बताया कि बस ड्रायवर के नियंत्रण में नहीं थी और एक के बाद एक वह लोगों को कुचलती जा रही थी। सामने मिनी बस से टकराकर पुलिस बस रुकी। हादसे के बाद ड्रायवर वहां से फरार हो गया था। कमर इकबाल ने बताया कि लाशें खून से सनी थीं। घटनास्थल के आसपास के कुछ लोगों का कहना है कि पुलिस बस के ड्रायवर ने शराब पी रखी थी, वहीं कुछ ने बताया बस का ब्रेक फेल हो गया था।



सड़क पर खून ही खून था। लोग चीख रहे थे। आक्रोशित लोगों ने पथराव किया। बेकाबू भीड़ पर पुलिस ने कई बार बल प्रयोग किया। आंसू गैस के गोले छोड़े। मृतकों में गांधी मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष के छात्र मुरैना निवासी अभिषेक अग्रवाल (25)व रीवा निवासी दीपक मिश्रा (25),भोपाल निवासी कमलेश सोनी (35), उनकी पत्नी भूमिका (30),राकेश वत्सवार (24),शुचि जौहरी (12) व अब्दुल खान शामिल हैं।

परिजनों को 2-2 लाख मुआवजा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शाम को जबलपुर से भोपाल लौटने पर विमानतल से सीधे हमीदिया अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की। घायलों को दस-दस हजार रुपए व नि:शुल्क इलाज किया जाएगा। कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव के अनुसार मृतक के परिजनों को तात्कालिक सहायता के रूप में जिला प्रशासन द्वारा 10-10 हजार रुपए के चेक दिए गए हैं।



पुलिस बस सड़क हादसे में मृत अभिषेक अग्रवाल ने एक दिन पहले और दीपक मिश्रा ने आठ दिन पहले ही गांधी मेडिकल कॉलेज में ज्वाइनिंग दी थी। दोनों छात्रों ने यहां एमबीबीएस फस्र्ट इयर में एडमिशन लिया था। मृत छात्रों के साथियों ने बताया कि अभिषेक और दीपक अपने साथी पवन जैन के साथ कॉलेज के गेट पर चाय पीने गए थे। तभी यह घटना घटी। दुर्घटना में पवन जैन के सिर व हाथ पैर में गंभीर चोटें आई हैं।

छात्र का इलाज हमीदिया अस्पताल में किया जा रहा है।

पुलिस की जिस बस से हमीदिया रोड पर कोहराम मच गया, वो बस पहले से ही धक्कामार थी। कैदियों के मेडिकल चेकअप के बाद जेल रवाना होने से पहले उसे धक्का लगाना पड़ा था। पुलिस अफसरों की मानें तो गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई थी और उसका कंप्रेशर फेल होने की वजह से ब्रेक नहीं लग पाया था, जो इस हादसे का कारण बना।

पुलिस लाइन के अधिकतर वाहनों की हालत खराब है। बस क्रमांक एमपी क्३-५३३१ भी उन्हीं में से एक है। रविवार सुबह जब बस कैदियों को लेने के लिए जेल रवाना हो रही थी तो उसे धक्का मारकर स्टार्ट करना पड़ा। इसके लिए करीब बीस जवानों की मदद ली गई। स्टार्ट होने के बाद बस सीधे जेल पहुंची और वहां से कैदियों को लेकर हमीदिया रवाना हुई।

कैदियों के साथ सुरक्षा के लिए 1-6 का बल भी गाड़ी में तैनात था। अस्पताल में कैदियों का रूटीन मेडिकल कराया गया और अब वापस जेल चलने की बारी आई तो फिर गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई। चूंकि बस हमीदिया गेट नंबर दो की ढलान पर खड़ी थी,धक्का लगते ही लुढ़कने लगी।

बस स्टार्ट करने के मकसद से ड्राइवर जयप्रकाश बड़ा ने गियर लगाया, लेकिन नहीं लगा, अब बस का कंप्रेशर भी फेल हो चुका था, इस वजह से ब्रेक भी नहीं लग पाए और बस ड्राइवर के नियंत्रण से बाहर हो गई।

22 कैदी सवार थे बस में

बस में कुल २२ कैदियों को जेल से मेडिकल के लिए लाया गया था। जिनमें दो नीग्रो भी शामिल थे। हादसे के वक्त भी सभी कैदी बस में ही सवार थे। घटना के बाद सभी कैदियों को एक-दूसरे वाहन की मदद से आनन-फानन में जेल दाखिल कराया गया

हादसे में जान गंवाने वाले दोनों छात्र दीपक और अभिषेक दोस्त पवन के साथ गेट पर चाय पीने गए थे, लेकिन इसी बीच पुलिस बस ने तीनों को चपेट में ले लिया। काजी कैंप निवासी राकेश वस्तवार ससुर का डेथ सर्टिफिकेट लेने हमीदिया गया था, लेकिन वह भी चपेट में आ गया। टीला जमालपुरा निवासी कमलेश सोनी और पत्नी भूमिका तीन साल के बच्चे के साथ बाइक से बैरागढ़ में एक रिश्तेदार से मिलने जा रहे थे। हादसे में कमलेश और भूमिका चल बसीं, लेकिन उनका बच्च बच गया।


जांच के बाद ही स्पष्ट होगा

ड्राइवर के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। हादसा तकनीकी खामियों से हुआ लगता है, लेकिन जांच के बाद स्पष्ट होगा।



हमीदिया अस्पताल के सामने सड़क हादसे में दो एमबीबीएस स्टूडेंट्स की मौत से गुस्साए जूनियर डॉक्टरों ने देर शाम हड़ताल कर दी। जिससे अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। इसके साथ ही यहां मरीजों के एक्सरे होना तथा अन्य प्रकार की जांचे होना बंद हो गई है।





ब्रेक फेल होने का बैटरी से कोई संबंध नहीं है। बैटरी के न होने के कारण कांप्रेशर खराब होने की बात गलत है। हादसे की वजह कुछ और है।

पुलिस गाड़ियों का नहीं होता बीमा: पुलिस गाड़ियों का बीमा नहीं होता है। शनिवार को हुए हादसे में पुलिस की जिस बस से हादसा हुआ,उसका भी बीमा नहीं था। ऐसे में मृतकों के परिजन यदि मुआवजे का कोई दावा करेंगे तो उन्हें मुआवजा मिलने में अड़चन हो सकती है। भोपाल पुलिस के पास कुल 306 गाडियां है। मृतक के परिजन मुआवजे का दावा करते हैं तो उन्हें न्यायालय के फैसले का इंतजार

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