बुधवार, 13 मार्च 2013

दूसरों के नाम का सिम करते हैं इस्तेमाल

मंत्रियों, अफसरों के फोन टैप कर रही पुलिस, गृह मंत्रालय को नहीं दे रही ब्योरा
भोपाल 12 मार्च 2013। मध्यप्रदेश में खूंखार अपराधियों के साथ ही कुछ मंत्रियों, नेताओं और अफसरों के फोन टैप हो रहे हैं, जो दूसरों के नाम का सिम इस्तेमाल करते हैं।
पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग से इजाजत लेकर फोन टैप कराये। लेकिन रिकॉर्ड की गई बातों का ब्योरा गृह विभाग को देने में गोपनीयता का हवाला दे रहा है। गृह विभाग के अफसर मन मसोसकर बैठे हैं।
पुलिस मुख्यालय राज्य की सुरक्षा और अपराधियों की गतिविधि पर नजर रखने के नाम पर गृह विभाग से रोजाना लगभग 7 से 8 फोन टैप करने की इजाजत लेता है। गृह विभाग तत्काल अनुमति भी जारी कर रहा है। 
मांगी गई इजाजत जिन मोबाइल सिमों की होती है, वह अफसरों और नेताओं के नाम पर नहीं होने के चलते गृह विभाग को पता ही नहीं होता कि वह असल में किसका फोन टैप करने की इजाजत दे रहा है, लेकिन पुलिस मुख्यालय फोन टैपिंग के दौरान मिले तथ्यों और बातचीत का ब्योरा देने को तैयार नहीं है।
मामला तब उजागर हुआ जब कृषि उत्पादन आयुक्त मदनमोहन उपाध्याय को गृह विभाग का अतिरिक्त प्रभार मिला तब उन्होंने इस पर सवाल खड़े किए. उपाध्याय ने पूछा कि इतनी बड़ी संख्या में अनुमति लेकर उसे क्या सफलता मिली है।
मालूम हो कि मध्यप्रदेश में इसी साल चुनाव होने हैं और इसके मद्देनजर राजनीतिक विरोधियों और विपक्षी दलों के नेताओं पर भी सरकार की नजर है, तो क्या यह फोन टैपिंग इसी का एक हिस्सा है? 
विधान सभा में उठा मामला 
मध्यप्रदेश विधान सभा में मंगलवार को कांग्रेस ने कुछ नेताओं और अधिकारियों के फोन टैप का मामला उठाया।
प्रश्नोत्तर काल समाप्त होते ही कांग्रेस विधायक दल के उपनेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने एक समाचार पत्र के हवाले से यह मामला उठाते हुए कहा कि गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय द्वारा कुछ अधिकारियों एवं राजनेताओं के फोन टैप किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता भी इसमें शामिल हैं।
चतुर्वेदी ने कहा कि इस प्रकार की फोन टैपिंग को लेकर गृह विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा पुलिस मुख्यालय को एक पत्र भी लिखा गया है।
संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इन खबरों को गलत बताते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा इस सबंध में भ्रम फैलाया जा रहा है जबकि विधान सभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने भी इन खबरों को गलत बताया।

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