सोमवार, 11 मार्च 2013

महाकाल बाबा के दर्शन को उमड़ी प्रजा


उज्जैन, 11 मार्च 2013। महाशिवरात्रि पर महाकाल की नगरी में चहुंओर उल्लास छाया रहा। राजाधिराज के दरबार में प्रजा शीश नवाने के लिए उमड़ पड़ी। रविवार रात तक करीब २ लाख 10 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन कर लिए थे। सोमवार तड़के चार बजे अवंतिकानाथ को सवा मन फूलों का सेहरा सजाया गया। दोपहर १२ बजे भस्मारती तथा ढाई बजे भोग आरती होगी। दर्शन का सिलसिला रात ११ बजे तक चलेगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर में रात २ बजे से ही अतिविशिष्टों का तांता लगना शुरू हो गया था। अनिल अंबानी, उद्योग और जिले के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, भाजपा नेता उमा भारती सहित कई विशिष्ट व्यक्तियों ने महाकाल के दरबार में मत्था टेका। दोपहर १२ बजे कलेक्टर बीएम शर्मा तथा मंदिर प्रशासक जयंत जोशी ने पं. घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में शासकीय पूजन किया।
रात में महापूजा - मंदिर प्रबंध समिति सदस्य पं. सत्यनारायण जोशी ने बताया कि शिवरात्रि के महानिशाकाल में रात ११.३० बजे से महापूजा हुई। इससे पूर्व कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित कोटेश्वर महादेव का अभिषेक-पूजन किया गया। इसके बाद राजाधिराज का पुष्प शृंगार हुआ।
अवंतिकानाथ को ५६ भोग -  सोमवार सुबह अवंतिकानाथ को ५६ भोग लगेगा। पं. महेश पुजारी ने बताया कि महानिशाकाल के पूजन के बाद भगवान का सप्तधान मुघौटा शृंगार होगा। सोने के कुंडल, छत्र, मोरपंखे तथा सोने का त्रिपुंड धारण करवाया जाएगा। चांदी के सिक्के तथा बिल्व पत्र न्योछावर किए जाएंगे। भगवान के शीश पर सवा मन पुष्पों तथा फलों का सेहरा सजेगा। इसके बाद आरती होगी। सुबह ११.३० बजे तक भक्तों को सेहरे के दर्शन होंगे। दोपहर १२ बजे भस्म आरती तथा दोपहर २.३० बजे भोग आरती होगी। 
आरती में अफरा-तफरी - महाशिवरात्रि पर तड़के २.३० बजे हुई भस्म आरती में व्यवस्था बिगड़ती नजर आई। वीवीआईपी के साथ आए लोगों के कारण ये स्थिति बनी। इस दौरान पूजन में व्यवधान भी हुई। आरती के बाद गर्भगृह में भीड़ अधिक होने से भगवान के पूजन का सामान भी इधर-उधर हो गया। कुछ पुजारियों ने इसकी शिकायत आला अधिकारियों से भी की है। 
धरे रह गए नियम
भस्म आरती के लिए विद्वत परिषद द्वारा बनाए गए नियम महाशिवरात्रि पर धरे रह गए। गौरतलब है कि गतदिनों परिषद कि बैठक में भस्म आरती के दौरान किसी भी व्यक्ति को गर्भगृह में प्रवेश नहीं देने का निर्णय लिया गया था। मगर अतिविशिष्ट व्यक्तियों के सामने परिषद के नियम बौने साबित हुए।
खास-खास
खोया-पाया केंद्र पर चेन, पर्स व मोबाइल गुम हो जाने के करीब ५० मामले आए। 
सहायक संयुक्त संचालक, जनसंपर्क अरुण राठौर का पर्स भी गुम गया। पर्स में चार जार रुपए नकदी, लायसेंस, पहचान पत्र आदि थे।
एक दर्शनार्थी के १३,५०० रुपए व वोटर आईडी कार्ड गुम हो गया।
केंद्र पर सेवा दे रहे मुकेश, जोगेंद्र, अजय आदि ने २५० बिछड़ों को अपनों से मिलवाया।
दोपहर में एक चार वर्षीय बालिका भीड़ में अपने माता-पिता से अलग हो गई। स्वयंसेवक उसको मिलाने की घंटों मशक्कत करते रहे। 
अन्नक्षेत्र में सेवा समिति द्वारा खिचड़ी प्रसादी का वितरण किया गया।
प्रसादी ग्रहण करने के लिए महाकाल धर्मशाला के पिछले द्वार से दिन भर भक्तों का आना-जाना लगा रहा। 
विभिन्न प्रांतों से आए कई श्रद्घालु नंदी हॉल के समीप ही पूजन कर रहे थे।
उज्जयिनी सेवा समिति के सदस्य लगातार जल सेवा करते नजर आए।
वीवीआई द्वार पर पुलिसकर्मियों तथा पुजारियों के बीच विवाद की स्थिति बनी।
दो पार्षदों का भी पुलिसकर्मी तथा अधिकारियों का विवाद हुआ।
मंदिर के पीछे निर्माणाधीन दुकानों में श्रद्घालु विश्राम करते नजर आए। 
१५१ रुपए के विशेष दर्शन पास से मंदिर समिति को करीब ८ लाख रुपए की आय हुई।
करीब २ लाख रुपए की लड्डू तथा भस्म प्रसादी बिक्री हुई। 
सुबह दर्शन की कतार में लगे एक श्रद्घालु की हृदयघात से मौके पर ही मौत हो गई।
समान्य दर्शनार्थियों की कतार करीब १ किलो मीटर लंबी थी।
महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि के तड़के भस्म आरती में शामिल हुए अनिल अंबानी।
  
  
 -  डॉ. अरुण जैन

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें