शनिवार, 16 मार्च 2013

मप्र विद्युत नियामक आयोग के परामर्शी को अब हर माह 40 हजार मिलेंगे



भोपाल 16 मार्च 2013। राज्य में बिजली की दरों को तय करने एवं विद्युत कंपनियों के टैरिफ प्रस्तावों का अध्ययन करने के लिये मप्र राज्य विद्युत नियामक आयोग में नियुक्त किये जाने वाले परामर्शी यानी कन्सल्टेंट को हर माह पच्चीस हजार रुपये के स्थान पर चालीस हजार रुपये मिलेंगे। आयोग ने इस संबंध में परामर्शी की नियुक्ति विनियम 2009 में तृतीय संशोधन जारी कर दिया है।
अब नये संशोधन के अनुसार, ''''परामर्शी अपेक्षित न्यूनतम कालावधि के लिये वचनबध्द होगा, जोकि सामान्यत: एक वर्ष से अधिक नहीं होगी। तथापि आयोग के विवेक पर वचनबध्दता की कालावधि को आवश्यक्ता के अनुसार बढ़ाया जा सकेगा।" इससे पहले इस संबंध में प्रावधान था कि ''''परामर्शी अपेक्षित न्यूनतम कालावधि के लिये वचनबध्द होगा। किसी भी मामले में वचनबध्दता की कालावधि अधिकतम एक वर्ष से अधिक नहीं होगी। किन्हीं न्यायोचित कारणों के आधार पर संविदा का विस्तार छह माहों की कालावधि के लिये दिया जा सकेगा जोकि ऐसी संविदाओं के विरुध्द केवल दो बार होगा।" लेकिन अब इस पुराने प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है तथा उक्त नया प्रावधान ला दिया है। 
ज्ञातव्य है कि आयोग ने परामर्शी उसे बताया है ''''जो कोई व्यक्ति, फर्म,निकाय या व्यक्तियों का संघ जो कि आयोग के नियोजन में नहीं है, जिसे या जिनमें किसी विशिष्ट ज्ञान, अनुभव या कौशल हो या उसकी पहुंच हो। परमर्शी में वरिष्ठ परामर्शी तथा सलाहकार भी सम्मिलित है।"

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